नोएडा की कई सोसाइटियों में रहने वाले लोग सालों से एक बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं - फ्लैट की रजिस्ट्री न होना। उन्होंने बिल्डर को पूरा पैसा दे दिया है, लेकिन रजिस्ट्री अभी तक नहीं हो पाई है। इस वजह से उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आइए इस समस्या की गहराई में उतरते हैं और जानते हैं कि आखिर क्यों नोएडा के निवासियों को अपनी रजिस्ट्री के लिए इतना संघर्ष करना पड़ रहा है।
रजिस्ट्री की समस्या: एक गंभीर मुद्दा
नोएडा में फ्लैट खरीदने वाले कई लोगों के लिए रजिस्ट्री एक सपना बन गई है। बिल्डर को पूरी कीमत चुकाने के बाद भी, उन्हें अपनी संपत्ति का कानूनी अधिकार नहीं मिल पा रहा है। यह समस्या कई सालों से चली आ रही है और इसने हजारों परिवारों को प्रभावित किया है।
रजिस्ट्री में देरी के कारण
रजिस्ट्री में देरी के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- बिल्डर का बकाया: बिल्डर ने अथॉरिटी को बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है, जिसके कारण रजिस्ट्री रुकी हुई है।
- अवैध निर्माण: कुछ बिल्डरों ने नियमों का उल्लंघन करके अवैध निर्माण किया है, जिसके कारण अथॉरिटी रजिस्ट्री नहीं कर रही है।
- सरकारी नीतियां: कुछ सरकारी नीतियों के कारण भी रजिस्ट्री में देरी हो रही है।
रजिस्ट्री न होने से होने वाली परेशानियां
रजिस्ट्री न होने से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है:
- फ्लैट बेचने में परेशानी: रजिस्ट्री न होने के कारण लोग अपना फ्लैट नहीं बेच पा रहे हैं।
- लोन न मिलना: बैंक रजिस्ट्री के बिना फ्लैट पर लोन नहीं देते हैं, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
- बिल्डर की मनमानी: बिल्डर रजिस्ट्री न होने का फायदा उठाकर मनमानी कर रहा है और लोगों से अधिक पैसे वसूल रहा है।
निवासियों का संघर्ष और मांगें
अपनी रजिस्ट्री के लिए नोएडा के निवासी लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कई बार प्रदर्शन किए हैं और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
निवासियों की प्रमुख मांगें
निवासियों की कुछ प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- अमिताभ कांत कमेटी की रिपोर्ट लागू करना: निवासियों का कहना है कि सरकार को अमिताभ कांत कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए, जिसमें रजिस्ट्री की समस्या का समाधान करने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं।
- बिल्डर पर कार्रवाई: निवासियों का कहना है कि सरकार को उन बिल्डरों पर कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने अथॉरिटी को बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है और अवैध निर्माण किया है।
- तत्काल रजिस्ट्री: निवासियों की मांग है कि सरकार को उनकी रजिस्ट्री तत्काल करानी चाहिए ताकि उन्हें अपनी संपत्ति का कानूनी अधिकार मिल सके।
मेंटेनेंस और सुविधाओं की कमी
निवासियों का यह भी कहना है कि बिल्डर उनसे मेंटेनेंस के पैसे लेता है, लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं देता है। आग लगने की स्थिति में सुरक्षा उपकरण भी खराब हैं, जिससे उनकी जान को खतरा है। बिल्डर ने अवैध रूप से RWA (Resident Welfare Association) बना लिया है और उनसे पैसे मांग रहा है।
निष्कर्ष
नोएडा में फ्लैट रजिस्ट्री की समस्या एक गंभीर मुद्दा है, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हैं। सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और निवासियों की मांगों को पूरा करना चाहिए। अमिताभ कांत कमेटी की रिपोर्ट को लागू करके और बिल्डरों पर कार्रवाई करके ही इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। निवासियों को अपनी संपत्ति का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए और उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए।
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