साइबर अपराध अलर्ट: आगरा मामले में ठगों का खुलासा | Cyber Fraud Alert

साइबर अपराध अलर्ट: आगरा मामले में ठगों का खुलासा | Cyber Fraud Alert

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Quick Summary

आगरा में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें मास्टरमाइंड सोहेल सहित चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है और ठगे गए लोगों के पैसे वापस दिलाने की कोशिश कर रही है।

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2025-07-19 5 min read 0 views
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साइबर अपराध अलर्ट: आगरा मामले में ठगों का खुलासा | Cyber Fraud Alert

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क्या आप जानते हैं कि साइबर अपराधी किस तरह से आपकी गाढ़ी कमाई को लूट सकते हैं? आगरा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया। इस लेख में, हम इस गिरोह के तौर-तरीकों और पुलिस की कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानेंगे।

डिजिटल अरेस्ट: ठगी का नया तरीका

आजकल साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जिनमें से एक है डिजिटल अरेस्ट। इस तरीके में, वे लोगों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे वसूलते हैं।

कैसे करते हैं ठगी?

ये ठग खुद को ईडी, सीबीआई या टीआई का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं। वे फर्जी लेटर भेजकर लोगों को फंसाते हैं और उनके खातों से पैसे अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते हैं।

  • पहला कदम: पीड़ितों को डराना और धमकाना।
  • दूसरा कदम: फर्जी लेटर भेजना।
  • तीसरा कदम: पैसे अपने खातों में ट्रांसफर करवाना।

आगरा पुलिस की कार्रवाई

आगरा पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग के मास्टरमाइंड सोहेल सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

मास्टरमाइंड सोहेल का खुलासा

सोहेल एक पढ़ा-लिखा और पेशेवर व्यक्ति है, जिसने साइबर अपराध की दुनिया में कदम रखा। उसने दिल्ली और गुरुग्राम में कंपनियां खोलीं, जहाँ बेरोजगार युवकों को ट्रेनिंग दी जाती थी कि कैसे लोगों को धमकाया जाए और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उनकी गाढ़ी कमाई को हड़पा जाए।

  • सोहेल: गिरोह का मास्टरमाइंड, बी.टेक ग्रेजुएट।
  • कंपनियां: दिल्ली और गुरुग्राम में खोली गईं।
  • ट्रेनिंग: बेरोजगार युवकों को ठगी की ट्रेनिंग दी जाती थी।

ठगी का आंकड़ा और बरामदगी

इस गिरोह ने चार महीनों में चार करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। पुलिस ने आरोपियों के पास से कई मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सामग्री बरामद की है।

आंकड़े और बरामदगी

ठगी की रकम और बरामदगी से पता चलता है कि यह गिरोह कितना शातिर था।

  • ठगी की रकम: चार महीनों में चार करोड़ रुपये से ज्यादा।
  • बरामदगी: मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सामग्री।

आगे की कार्रवाई

पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है और ठगे गए लोगों के पैसे वापस दिलाने की कोशिश कर रही है।

पुलिस की कोशिशें

पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और ठगे गए लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

  • तलाश: गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी।
  • कोशिश: ठगे गए लोगों के पैसे वापस दिलाने की कोशिश।

निष्कर्ष

साइबर अपराध एक गंभीर समस्या है, और हमें इसके प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। डिजिटल अरेस्ट जैसे ठगी के तरीकों से बचने के लिए सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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